आजकल हमारे देश में बहुत दंगों की खबरें आ रही है, कभी कश्मीर तो कभी देश कि राजधानी दिल्ली के कुछ इलाक़े। ऐसा ही एक दंगा हुआ था हरियाणा के नूह (Nuh) में जहां एक विशेष समुदाय ने पथराव करा, आगज़नी करी और जनसम्पति को नुक़सान पहुँचाने का काम करा। आख़िर ऐसा क्या हुआ, क्या इसके पीछे किसी की साज़िश है, आइए इस लेख में आपको बताते है, की आख़िर कैसे क्या हुआ, और कैसे इस घटना को पुराने मुद्दों के साथ जोड़ा जा रहा है।
Nuh की चर्चा करने से पहले हम आपको यह भी बताना चाहेंगे की, 31 जुलाई 2023 को दिल्ली की नांगलोई इलाक़े में भी दंगों का मामला सामने आया जिसमे विशेष समुदाय (इस्लाम) के लोगो ने रिहायशी इलाक़े में तोड़ फोड़ करी जिसका वीडियो भी वायरल हुआ, ठीक इसी घटना के कुछ दिनों बाद Nuh में शोभा यात्रा के दौरान दंगे करे गये, जिसमे मुस्लिम समुदाय के लोगो ने हिंदू समुदाय पर पहले पथराव किए और फिर उसके बाद जनसम्पति को हानि पहुँचाने के लिए आग जानी भी करी, जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए।

वही, सूत्रों की माने तो खबर आ रही है कि, शोभा यात्रा की इजाज़त सरकार द्वारा दी गई थी, जिसका मतलब है की यह क़ानूनी तौर पर हो रहा था, परंतु तब भी Nuh के मुस्लिम समुदाय के लोगो ने अपनी छत पर पहले से ही पत्थर रख लिए थे ताकि शोभा यात्रा पर हमला करके उसे रोका जा सके, कई वीडियो भी सामने आये जिसमे यह देखा जा सकता है कि, लोगो ने शोभा यात्रा रोकने के लिए सड़क पर गैस सिलिंडर भी रख दिये थे। यह पथराव और आगज़नी इतनी भयानक थी की 2500 लोगो ने मंदिर में छिपकर अपनी जान बचाई, और जब पुलिस इस स्तिथि पर नियंत्रियत करने पहुची तो उनको भी इस पथराव का सामना करना पड़ा।

क्या मोनू मानेसर का इससे कुछ लेना देना है?
मोनू मानेसर हरियाणा में एक जाना माना नाम हैं, इससे पहले कथित गोरक्षा के नाम पर हुई हत्याओं के मामले में उनका नाम सुर्खियों में आता रहा है। सोनू मानेसर का नाम Nuh की घटना से जोड़ा जा रहा है, और यह भी कहा जा रहा है कि सोनू मानेसर ने कुछ भड़काऊ बयान दिये थे जिसको देखकर मुस्लिमों को शोभा यात्रा पर पथराव करना पड़ा, हालाकि सोनू मानेसर ने इसपर स्पष्ट रूप से साफ़ कर दिया है कि उनका कोई भी बयान उठा कर देख लिया जाये तो वह किसी भी तरह से बढ़काऊ नहीं लगेगा और सब वह बयान देखे गये तो अपने बयान में मोनू मानेसर इस शोभा यात्रा में अधिक अधिक लोगो को जुड़ने के लिए कहते दिखे जो किसी भी तरह से भड़काऊ नहीं माना जा सकता। साथ ही मोनू मानेसर ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। इसी के साथ कई चैनल ने इसे कुछ समय पहले हुए जुनैद और नासिर की मौत से भी जोड़ रहे है, जिसकी जाँच सिर्फ़ पुलिस की ज़िम्मेदारी है।
साथ ही आपको बता दें की, इन दंगों की पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है और 200 से अधिक लोगो को गिरफ़्तार कर लिया है, तथा साथ ही प्रशासन ने कई आरोपीयो के घरों को बिल्डोजर से ध्वस्त कर दिया है। प्रशासन इन दंगों के सभी आरोपीयो पर कार्यवाही कर रही है।