Amir Khan के घर पर ED छापामारी करते हुए बड़ी मात्रा में रुपये बरामद ट्रंक में 500 और 2000 के नोट ठूंस-ठूंसकर भरे। छापेमारी में घर से 17 करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामद हुआ। घर में 10 ट्रंक मिले, 5 ट्रंक में 200-500 और 2000 के नोट ठूंस-ठूंसकर भरे हुए थे। यह छापेमारी आमिर खान (Aamir Khan) के गार्डन रीच स्थित घर में की गई। छापेमारी शनिवार की सुबह शुरू हुई, नकदी की गिनती देर रात तक जारी रही। ED की टीम के साथ बैंक अधिकारी और केंद्रीय बल भी था।
यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत की गई। फेडरल बैंक (Federal Bank) के अधिकारियों द्वारा मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में की गई शिकायत के आधार पर आमिर खान सहित अन्य के खिलाफ गत वर्ष पिछले साल 15 फरवरी को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन (Mobile Gaming Application)से संबंधित चल रही जांच के सिलसिले में 10 सितंबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत ED ने ये छापेमारी की थी, फेडरल बैंक (Federal Bank)के अधिकारियों द्वारा मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर शिकायत के आधार पर आमिर खान और कई दूसरे लोगों के खिलाफ पिछले साल 15 फरवरी को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन (Park Street Police Station) में FIR दर्ज किया गया था।
जांच एजेंसी ने बताया, “आमिर खान ने ई-नगेट्स नाम से एक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन (Mobile Gaming Application) लॉन्च किया। इस ऐप से पहले यूजर्स को कमीशन के साथ रिवार्ड दिये गये फिर उनके वॉलेट में कैश भेजे गये। जब यूजर्स को भरोसा हो गया तो वो इस गेमिंग ऐप्लिकेशन के जरिए अधिक पैसे कमा सकते हैं तो वो पैसे लगाने लगे।

जांच एजेंसी ने बताया कि यूजर्स के पैसे लगाने के बाद मोबाइल गेमिंग ऐप के जरिए अच्छी खासी रकम इकट्ठा करने के बाद, अचानक ऐप से निकासी को रोक दिया गया, जिसमें सिस्टम के अपग्रेड नहीं होने के बहाने बनाए गए। इसकी भी एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है, इसके बाद, प्रोफ़ाइल से सारी जानकारी सहित सभी डेटा को ऐप सर्वर से डिलीट कर दिया गया। फिर यूजर्ज को इसकी चाल समझ में आई ”इससे पहले शनिवार को केंद्रीय एजेंसी ने मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित जांच के संबंध में कोलकाता में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान यह देखा गया कि मामले से जुड़ी संस्थाएं नकली खातों का इस्तेमाल कर रही थीं और यूजर्स को धोखा देकर करोड़ों रुपये कमा लिए थे।