कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में और नियंत्रण रेखा (LOC) के साथ लड़ा गया था। युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदखल कर दिया और ऑपरेशन विजय के एक भाग के रूप में टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर फिर से कब्जा करने में सफल रही। भारतीय सैनिकों ने तीन महीने के संघर्ष के बाद यह जीत हासिल की थी, जिसके कारण दोनों पक्षों की ओर से लगभग 490 अधिकारियों, सैनिकों और जवानों को खोने के कारण दोनों पक्षों की जान चली गई थी। युद्ध में भारत की जीत की याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

इसी कारगिल के युद्ध में, एक ऐसा देश ने भारत का साथ दिया जिसके साथ उस समय भारत की ने राजनयिक संबंध स्थापित नहीं किए थे परंतु आज भारत का वह एक सबसे अच्छा मित्र है, वह देश था इज़राइल, जी हाँ, इज़राइल, 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इज़राइल ने भारत की मदद की थी जब बाद में सीमा पार पाकिस्तानी बंदूकों का पता लगाने के लिए हथियारों का पता लगाने वाले रडार नहीं मिल सके थे जो भारतीय पक्ष को मार रहे थे। उस समय इज़राइल ने राजनयिक संबंध ना होते हुए भी भारत के वीर जवानों को मदद करी थी।
पिछले साल, भारत में इज़राइली दूतावास ने खुलासा किया कि कारगिल युद्ध के दौरान यह उन कुछ देशों में से एक था, जिन्होंने मोर्टार और गोला-बारूद प्रदान करके भारत की सीधे मदद की थी। अब यह भी पता चला है कि इस्राइल ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2,000 लड़ाकू विमानों के लिए लेजर-गाइडेड मिसाइलें मुहैया कराई थीं। कारगिल युद्ध शुरू होने से पहले ही नई दिल्ली ने जिन हथियारों का ऑर्डर दिया था, उनकी डिलीवरी भी बढ़ा दी गई थी, जिसमें इजरायल के हेरॉन मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) भी शामिल थे।