Toll Plaza: टोल प्लाजा के सरकार ने कुछ नियम बनाये है, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए तथा जागरूक रहना चाहिए, इन नियमों के बारे में जानने से पहले चलिए जानते है कि आख़िर टोल प्लाजा क्या होता है और क्यों होता है। टोल प्लाजा एक बूथ की तरह होता है, जो कि राष्ट्रीय या राज्य के राजमार्गों पर होता है, जिसमे वहाँ से गुजरने वाले सभी वहनों को अपने अपने वजन अनुसार, निर्धारित फ़ीस या शुल्क देना होता है, जिसको नियम के अनुसार तब तक लिया जाता है, जब तक कि वह राजमार्ग की लागत कि राशि के बराबर पैसे नहीं आ जाते, और किसी किसी केस में इसे बरकरार रखते है, जिससे की उस राजमार्ग की देख रेख का खर्च निकल सके।
आजकल सभी टोल प्लाजा पर आजकल पर फ़ास्ट टैग (Fast Tag) का इस्तेमाल होने लगा है, जिस से स्कैन करके टोल शुल्क लिया जाता है, यह अब सभी के लिये अनिवार्य हो गया है, फ़ास्ट टैग को लेन के मुख्य कारण थे, शुल्क राशि का सही तरह से ट्रैक रख पाना और, टोल प्लाजा में जाम ना लगना, जिसको ध्यान में रखते हुए National Highways Authority of India (NHAI) ने कुछ गाइडलाइन बनाई है, जो की इस प्रकार है:

- टोल प्लाजा के अधिकारी टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर से अधिक कतार नहीं लगना सुनिचित करेंगे, जिसके लिये हर टोल पर 100 मीटर पर एक पीली रंग की पट्टी भी होती है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर पीक आवर्स के दौरान भी प्रति वाहन 10 सेकंड से अधिक का प्रतीक्षा समय नहीं होनी चाहिए।
- यदि 100 मीटर से अधिक की प्रतीक्षा करने वाले वाहनों की कतार है, तो वाहनों को बिना टोल चुकाए गुजरने दिया जाएगा।
- साथ ही यदि, किसी वाहन को एक टोल प्लाजा पर 10 सेकंड्स से ज़्यादा का इंतज़ार करना पड़े, तो वहनों से टोल नहीं लिया जाएगा, और वाहनों को बिना टोल चुकाए गुजरने दिया जाएगा।