रामायण के हिसाब से आज का कौन सा देश है प्राचीन काल का पाताल लोक।

रामायण, सनातन धर्म की एक धार्मिक कथा है, जिसमे भगवान राम की कथा अंकित है। तुलसी रामायण का नाम रामचरित मानस है और इसकी रचना सोलहवीं शताब्दी के अंत में गोस्वामी तुलसीदास ने अवधि बोली में की, जबकि वाल्मीकि रामायण कोई तीन हज़ार साल पहले संस्कृत में लिखी गई थी। इसके रचयिता वाल्मीकि को आदि कवि भी कहा जाता है। रामायण में पाताल लोक की जगह के बारे में बताया गया है, और वह जगह आज कौन सा देश में है, आइए आज हम यह भी जानेंगे।

आगे बढ़ने से पहले, हम यह भी बताना चाहेंगे की रामायण के बहुत सारे सबूत अलग अलग देशों में मिले है, जिससे यह साबित हो जाता है, रामायण सिर्फ़ हमारे देश तक ही सीमित नहीं है। ऐसा माना जाता है, कि रामायण में जिस पाताल लोक के बारे में बताया गया था वह और कोई नहीं बल्कि सेंट्रल अमेरिका (Central America) की जगह थी क्यूकि भौगोलिक भी देखा जाये तो अमेरिका भारत के एकदम विपरीत दिशा में है, और रामायण में भी पाताल लोक को धरती के नीचे की दुनिया कहा गया था, और यह भी बताया गया है कि, हिंदू धर्म के भगवान हनुमान जी भी पाताल लोक में गये थे, और आज वह जगह सेंट्रल अमेरिका है, तो इस बात के सच होने के सबूत भी कई देशों में मिले है।

पता करने पर यह भी सामने आया की सेंट्रल अमेरिका में रहने वाला एक क़बीला एक मंकी गॉड की पूजा करते है, जो और कोई नहीं हनुमान जी ही है और उनके भगवान की मूर्ति से भी यह साबित होता है। तो सभी सबूत और रिसर्च के अनुसार यह बात सामने आयी है, कि रामायण के हिसाब से आज का सेंट्रल अमेरिका ही प्राचीन कान का पाताल लोक है।

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