बहुत सारे व्यक्ति ऐसे होते हैं जो अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण अपने लाइफस्टाइल (lifestyle) में परिवर्तन कर लेते हैं। कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप आदि चलाते हैं जिससे उन्हें सोने में लगभग रात को 1:00 से 2:00 बज जाता है और सुबह देर से उठते हैं, या फिर सुबह जल्दी उठकर दोपहर में फिर से सो जाते है।
Sleeping Time: क्या आपको पता है यदि रात में जो व्यक्ति सोता है उसकी जैविक घड़ी ठीक है। लेकिन वह रात की बजाय दिन में सोता है तो उस के लिए यह अच्छा नहीं है। कई डॉक्टर चेतावनी भी दे चुके हैं कि रात की अपेक्षा दिन में सोना आपकी जैविक घड़ी को बिगाड़ देता है और आपके नींद को खा लेता है तो आज हम इसी पर चर्चा करेंगे कि दिन में क्यों नहीं सोना चाहिए।

इस वजह से न सोएं दोपहर में (Best time to sleep)
इस पर सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एम एस कंवर का कहना है कि उनके पास बहुत सारे ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें नेट की प्रॉब्लम है अर्थात स्लीप डिसऑर्डर की समस्या है। वह कहते हैं कि जितने भी स्लीप डिसऑर्डर की समस्या से परेशान व्यक्ति आते हैं। वह एक अभिजात वर्ग के परिवार से संबंध रखने वाले होते हैं जिनके पास खूब ढेर सारा धन है। लेकिन रात का चैन नहीं है और नींद नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप इतना पैसा होते हुए भी वह अपनी चैन की नींद नहीं खरीद पा रहे हैं।
डॉक्टर एम एस कवर आगे बताते हैं कि हर व्यक्ति को रात में समय से सो जाना चाहिए और दिन में समय से उठ जाना चाहिए, क्योंकि इससे हमारी दिनचर्या सही रहती है तथा हम सभी कार्य को बड़ी फुर्ती के साथ कर सकते हैं। वहीं यदि रात में जागते हैं और दिन में सोते हैं तो हमारी नींद की मात्रा भले हो जाए लेकिन गुणवत्ता नहीं आ पाती है।
हमारा मस्तिष्क अधिक देर तक आराम नहीं कर पाता है इसका कारण मेलाटोनिन हार्मोन है जो रात के समय मेलाटोनिन हार्मोन स्रावित होता है जिससे हमें नींद अच्छी आती है और इसकी गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। वही दिन के समय में मेलाटोनिन हार्मोन नहीं स्रावित होता है भले आप अपने कमरे में अंधेरे का वातावरण निर्मित ही क्यों न कर ले।
लेकिन सूर्य की किरणें खिड़की के माध्यम से आपके कमरे में प्रवेश कर रही है तो नींद प्रभावित होगा। इसलिए आप दिन में न सोएं, यदि आप दिन में सोते हैं तो सिर्फ मात्रात्मक परिवर्तन होगा न कि गुणात्मक परिवर्तन। हमारे मस्तिष्क की एक विशेषता यह होती है कि यदि वह 40 मिनट की नींद लेते हैं तो उसमें से सिर्फ 10 मिनट की गहरी निद्रा होती है और 30 मिनट स्वप्न की अवस्था होती है।