दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर जो 8 महीने तक पानी के अंदर रहता है और बाक़ी के 4 महीने बाहर।

हमारी दुनिया मे यू तो बहुत से मंदिर है जहां की बहुत मान्यता है, और अक्सर कई लोगो का मानना है कि इन मंदिरों मे जाकर जो माँगो वो मिल जाता है। कई मंदिर ऐसे भी है जो करोड़ो वर्ष पुराने है, तथा कई मंदिरों के रहस्य ऐसे है जिनको पता लगाने के लिए आज के वैज्ञानिक लगे हुए है, परंतु वह तब भी असफल ही होते आये है। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे मे बताने जा रहे है, जो 8 महीने तक पानी मे रहता है तथा, बस 4 महीने ही दिखता है। इस मंदिर का नाम है, Bathu ki Ladi Temple (बाथू की लड़ी मन्दिर)जो हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) मे स्तिथ है।

बाथू मंदिर की स्थापना छठी शताब्दी में गुलेरिया साम्राज्य के समय की गई, बाथू की लड़ी अंतर्गत मंदिरों में भगवान शिव विराजमान रहे, मंदिरों की उत्पत्ति के बारे में कहानियां लोक कथाओं में प्रचलित हैं कि मंदिर की स्थापना पांडवो द्वारा की गई और वे यहाँ से स्वर्ग तक सीढ़ी बनाना चाहते थे।यह मंदिरों का एक समूह है, जिसमें मुख्य मंदिर देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इस बात का पक्का प्रमाण नहीं है कि मुख्य मंदिर एक शिव मंदिर है। कुछ लोग इसे भगवान विष्णु को समर्पित मानते हैं परंतु मंदिर की शैली और बनावट को देखते हुए इसे शिव मंदिर माना गया है। कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय लोगों ने मिल कर मंदिर में पुन: एक शिवलिंग की स्थापना भी की है। मंदिर में इस्तेमाल किए गए पत्थर, शिलाओं पर भगवान विष्णु, शेष नाग और देवियों इत्यादि की कलाकृतियां उकेरी हुई मिलती हैं।

आज भी इस मंदिर में स्वर्ग की ओर जाने वाली सीढ़ियां नजर आती हैं वर्तमान समय में इस मंदिर में स्वर्ग की 40 सीढ़ियां मौजूद हैं जिन्हें लोग आस्था के साथ पूजते हैं। यहां से कुछ दूरी पर एक पत्थर मौजूद है, जिसे भीम द्वारा फैंका गया माना जाता है। कहा जाता है कि कंकड़ मारने से इस पत्थर से खून निकलता है। इस मंदिर के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय है April से July।

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