income Tax: इनकम टैक्स भारत मे ही नहीं, पूरी दुनिया का एक टैक्स है, जिसके तहत लोग जितना कमाते है उसमे कुछ टैक्स सरकार को देना पड़ता है ताक़ि सरकार उस टैक्स का इस्तेमाल करके देश मैं डेवलपमेंट कर सके। आम तौर पर इनकम टैक्स की गणना कर योग्य आय के टैक्स की दर के गुणनफल के रूप में की जाती है। Taxation Rate करदाता के इनकम अनुसार भिन्न हो सकती है।
भारत में आयकर भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची की प्रविष्टि 82 द्वारा शासित है (Income Tax in India)। यह केंद्र सरकार को गैर-कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार देता है। जहां पूरे देश और पूरी दुनिया मे इनकम टैक्स है वही भारत के एक राज्य मे कोईं इनकम टैक्स नहीं है, यह राज्य है सिक्किम। (Income tax)

सिक्किम के नागरिकों को आयकर में छूट (income tax relaxation) देने के कारणों में से एक इसका सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक पिछड़ापन है, जो इसके दूरस्थ स्थान और भूभौतिकीय कठिनाइयों और कठिन इलाके के कारण उचित बुनियादी ढांचे की कमी के कारण है। इसलिए सरकार ने स्थानीय लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए छूट प्रदान की है। यह उत्तर पूर्व भारत के अन्य क्षेत्रों में स्वदेशी जनजातियों को दी गई छूट के समान है।
हालांकि, एक अन्य महत्वपूर्ण कारण यह है कि सिक्किम (Sikkim), एक पूर्ववर्ती राज्य को 1975 में भारतीय संघ में मिला दिया गया था। विलय की शर्तों में से एक पुराने कानूनों की सुरक्षा और संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) में परिकल्पित विशेष स्थिति थी। सिक्किम का अपना सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल 1948 था, जो सिक्किम में 10(26AAA) धारा की शुरूआत के बाद 2008 में इसके निरसन तक आयकर को नियंत्रित करता था। (zero income tax)

हालांकि, ये यह कहना गलत है कि आयकर अधिनियम स्वयं सिक्किम या सिक्किमियों पर लागू नहीं होता है जैसा कि आम गलत धारणा है। अधिनियम के अन्य सभी प्रावधान 2008 से लागू हैं और 10 (26AAA) इस अधिनियम के भीतर एक खंड है, जो केवल सिक्किम के “व्यक्तियों” को छूट देता है। कंपनियां, फर्म, ट्रस्ट आदि सभी आईटी अधिनियम 1961 के सामान्य प्रावधानों के अनुसार कर योग्य हैं।