क्या आपको पता है, आप भारत के इन 3 ट्रेन मे घूम सकते है विदेश, भारत से विदेश जाने वाली 3 ट्रेन्स।

Indian Railway : भारतीय रेलवे भारत का सबसे बड़ा रेल का साधन है, जिसमे प्रतिदिन करोड़ो लोग सफ़र करते है। यह 68,043 किमी (42,280 मील) की कुल रूट लंबाई, 102,831 किमी (63,896 मील) की ट्रैक लंबाई और 128,305 किमी (79,725 मील) की ट्रैक लंबाई के साथ आकार के हिसाब से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी राष्ट्रीय रेलवे प्रणाली का प्रबंधन करता है। भारतीय रेलवे आज के दिन अपनी विभिन्न ट्रेनों की माध्यम से भारत के सभी राज्यो को आपस मे जोड़ता है, और कई राज्यो व क़स्बो तक अपनी सर्विस प्रदान करता है।

इन सभी के बावजूद, भारत मे बहुत कम ऐसे लोग होंगे, जिन्हें उन ट्रेन्स का पता होगा जो भारत को अंतर्रास्त्रीय स्तर पर जोड़ती है, तथा विदेश जाती है, तो आइए जानते है उन 3 ट्रेन्स के बारे मैं:-

मैत्री एक्सप्रेस: मैत्री एक्सप्रेस कोलकाता और ढाका के बीच सप्ताह में गुरूवार को छोड़ कर छह दिन चलने वाली एकमात्र ट्रेन है। 2008 में शुरू हुई, यह बांग्लादेश में ढाका को भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में कोलकाता से जोड़ने वाली पहली पूरी तरह से वातानुकूलित रात की ट्रेन है। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, इस क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं, लेकिन दोनों देशों की संस्कृति ने कभी डोर नहीं तोड़ी। इमीग्रेशन जांच के लिए इस ट्रेन के दो स्टॉप हैं जेड़ (भारत में) एवं दोर्शोना (बांग्लादेश में)। इस पूरी यात्रा के दौरान 10 से 11 घंटे का समय लगता हैं।

बंधन एक्सप्रेस: बंधन एक्सप्रेस ट्रेन (बंगाली: বন্ধন এক্সপ্রেস) एक अंतरराष्ट्रीय एक्सप्रेस रेल सेवा है जो हर हफ्ते भारतीय शहर कोलकाता और बांग्लादेशी शहर खुलना के बीच चलती है। यह भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच दूसरा आधुनिक दिन, पूरी तरह से वातानुकूलित यात्री ट्रेन लिंक है। भारत के प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधान मंत्री, शेख हसीना, और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 9 नवंबर 2017 को कोलकाता से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता-खुलना बंधन एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके उद्घाटन के बाद से, ट्रेन केवल गुरुवार को चलती है लेकिन फरवरी 2020 में, आवृत्ति बढ़ा दी गई थी और अब ट्रेन सप्ताह में दो बार (यानी रविवार और गुरुवार) चलती है।

समझौता एक्सप्रेस: समझौता एक्सप्रेस एक भारतीय- पाकिस्तान रेलगाड़ी सर्विस है। समझौता एक्सप्रेस 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई थी। समझौता एक्सप्रेस अटारी-वाघा के बीच केवल तीन किमी का रास्ता तय करती है। अटारी से लेकर लाहौर तक रेल मार्ग पहले से मौजूद था, इसलिए समझौता एक्सप्रेस को शुरू करने में कोई विशेष रुकावट नहीं आई। इस ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड चेंज नही होते और इस ट्रेन को शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों के ऊपर प्राथमिकता दी जाती है ताकि ये लेट ना होने पाए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इसका अलग प्लेटफ़ॉर्म है और विस्तृत सुरक्षा जांच के बाद ही प्लेटफार्म में प्रवेश करने दिया जाता है।

Leave a Reply

%d