Tata Motors: टाटा मोटर्स भारत सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनीज़ मे से एक है। टाटा मोटर्स की शुरुवात सन् 1945, मुंबई मे “J. R. D. Tata” ने करी थी। Tata Motors, हमेशा से ही भारत मे एक सुरक्षित गाड़िया बनाती आयी है। आज हम आपको बतायेंगे कि टाटा मोटर्स की नैनों फ्लॉप क्यों हुई।
Tata Nano, एक कॉम्पैक्ट सिटी कार थी जिसका निर्माण और विपणन भारतीय वाहन निर्माता Tata Motors द्वारा एक ही पीढ़ी में किया गया था, मुख्य रूप से भारत में, एक सस्ती रियर-इंजन वाली हैचबैक के रूप में जिसका उद्देश्य मोटरसाइकिल और स्कूटर के वर्तमान सवारों से अपील करना था। इसकी शुरुवाती क़ीमत 100000 रुपये थी। लॉन्च के समय टाटा मोटर्स ने सालाना 250,000 के उत्पादन के आंकड़े पेश किए थे जो हासिल नहीं हुआ और विभिन्न कारकों के कारण बिक्री की मात्रा में गिरावट आई।
टाटा नैनों, के फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण था उसकी मार्केटिंग। Ratan Tata, ने अपनी एक कॉन्फ़्रेंस मे खुद से यह बताया की tata nano की मार्केटिंग के कारण वह नहीं चली, नैनों, की जब मार्केटिंग हुई थी। उन्होंने बताया कि नैनों को डिज़ाइन करने के लिये यंग इंजीनियर्स की टीम ने काम करा था और वह बहुत अच्छा हुआ था, परंतु मार्केटिंग टीम ने नैनों की बिक्री के लिए जिस लाइन का इस्तेमाल किया वह थी “सबसे सस्ती कार”, और लोगो ने ईगो के चलते इस कार को नहीं लिया जिस वजह से यह बहुत बुरी तरह सी पिट गई थी।