पदमभूषण से सम्मानित सेचंदा कोचर कौन है? और क्यों पीस रही जेल मे चक्की

बात है 2008 की, उस साल की मंदी के चलते ICICI बैंक की हालत इतनी ख़राब हो जाती है कि, इंफ़ोसिस के कफ़ाउंडर Mr. Narayana Murti (श्री नारायण मूर्ति) जो की उस समय ICICI के बोर्ड मेम्बर भी थे, वह बैंक से अपनी FD तुड़वा लेते है जिसकी क़ीमत एक हज़ार करोड़ होती है ।

यह खभर आग की तरह पूरे देश मे फैल जाती है, और देखते ही देखते लोग ATM आई तरफ़ भागने लगते है। मंदी के इस दौर मे चंदा कोचर को ceo नियुक्त करा जाता है। चार्ज हाथ मे आते ही वह रिटेल और बैंक ट्रांजिक्शन की तरग फोकस करती है। और उनकी मेहनत से इस बैंक का मुनाफ़ा दोगुना हो जाता है, और बैंक इंडस्ट्री मे उनका कंट्रीब्यूशन देख भारत सरकार उनके पदमभूषण से भी सम्मानित

लेकिन शायद हक़ीक़त कुछ और ही थी, देखते ही देखते इस बैंक के बैड लोन 9500 करोड़ से बढ़कर 53400 करोड़ हो जाते है। इसी बीच चंदा कोचर पीरी वीडियोकॉन ग्रुप के वेनूगोपल दूत को कर्ज देकर खुद मुनाफ़ा कमाने का भी आरोप लगता है। इसी कारण से वह आज जेल मे है।

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