मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम पीठ में एक महिला की मौत हो गई। महिला पति के साथ बागेश्वर धाम में चल रहे महायज्ञ और दिव्य दरबार में शामिल होने आई थी। 16 फरवरी को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बची। इस खबर के बाद धाम पर सनसनी फैल गई. महिला के पति का कहना है कि पत्नी को किडनी की बीमारी थी। उनकी तबीयत अक्सर खराब रहती थी। शव का पोस्टमॉर्टम कराकर पति को सौंप दिया गया है. पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, महिला का नाम नीलम था। वह अपने पति देवेंद्र सिंह के साथ बागेश्वर धाम आई थीं। देवेंद्र ने मीडिया को बताया कि हम बागेश्वर धाम में रुके हुए थे। बहुत बढ़िया काम चल रहा था। रोज परिक्रमा लगा रहे थे। रोज खा-पी रहे थे, मैं पत्नी को दरबार में बैठाकर परिक्रमा लगाने गया था। तब तक पत्नी की तबीयत खराब हो गई, उनकी तबीयत एक दिन पहले भी खराब हो गई थी। फिर पुलिस वालों ने कहा कि इन्हें यहां से हटाओ। पत्नी को गाड़ी में बैठाकर दो घंटे तक खेतों में बैठा दिया। पति ने बताया कि संन्यासी बाबा की उनपर कृपा थी. वह बीते 8 महीने से ठीक थी।

पति देवेंद्र ने बताया कि पत्नी आराम से खाना खाती थी, घूमती-फिरती थी। दिल्ली के डॉक्टर भी आश्चर्य जताते थे कि महिला ठीक कैसे है, लेकिन, अचानक उसकी तबीयत फिर खराब हो गई। पत्नी को एंबुलेंस में लेकर गए और कहा कि अस्पताल में जांच करा लो, पत्नी को किडनी की समस्या थी। अब एंबुलेंस वाले छोड़ गए हैं कि जहां लेकर जाना हो जाओ। इस मामले को लेकर बमीठा के थाना प्रभारी परशुराम डाबर ने कहा कि महिला का जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह पता चलेगी।
भोपाल के मनोचिकित्सक एस. कुमार का कहना है कि जो जानकारी सामने आई है, महिला किडनी की बीमारी की गंभीर समस्या से जूझ रही थी। देखिए किसी धाम, मंदिर या इबादतगाह या बाबा के प्रति आस्था और विश्वास अपनी जगह से है, लेकिन इलाज छोड़कर चमत्कार से ठीक हो जाने के भरोसे पर रहना ठीक नहीं है, इसलिए बीमारी का इलाज भी साथ मे चलता रहना चाहिए।