सूरज के बारे में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला दावा किया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि सूरज का एक बड़ा हिस्सा टुकड़ा टूटकर अलग हो गया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने सूरज के टूटने की यह घटना देखी है। इस दावे के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक सहमे हुए हैं। अंतरिक्ष वैज्ञानिक अब इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने और एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए इस घटना का विश्लेषण कर रहे हैं।
वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में जुट गए है कि यह कैसे हुआ। अंतरिक्ष मौसम वैज्ञानिक डॉ. तमिता शोव ने ट्विटर पर तस्वीरे शेयर की। शोव का दावा है कि सूरज से टूटकर अलग हुआ यह हिस्सा मुख्य रूप से फिलामेंट से अलग हो गय है और उत्तरी ध्रुव के चारों ओर एक विशाल ध्रूवीय भंवर के रूप में घूम रहा है। हमें सूर्य की वायुमंडलीय भौतिकी को 55 डिग्री से ऊपर समझने की जरूरत है, ऐसा शोव ने कहा।
धरती पर क्या होगा असर?
सूर्य के टुकड़े के टूटने से पृथ्वी पर इसका क्या असर होगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, वैज्ञानिक इस दुर्लभ घटना पर अपनी निगरानी बनाए हुए हैं। एक स्पेस वेबसाइट के मुताबिक शक्तिशाली सौर फ्लेयर (solar flare) से 7 फरवरी को प्रशांत महासागर में एक संक्षिप्त तरंग रेडियो ब्लैकआउट भी हुआ था।। अंतरिक्ष वेबसाइट के मुताबिक कोलोराडो के बोल्डर में राष्ट्रीय वायुमंडल अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक स्कॉट और सौर भौतिकशास्त्री मैकिन्टोश ने समझाया कि प्रत्येक सौर चक्र में एक बार सूर्य की 55 डिग्री की झुकाव के साथ कुछ अजीब होना असामान्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस तरह के नए भंवर जैसे को कभी नहीं देखा।