माता का वो मंदिर, जिसमे कोई भी मूर्ति नहीं।

हमारी दुनिया मे यू तो बहुत से मंदिर है जहां की बहुत मान्यता है, और अक्सर कई लोगो का मानना है कि इन मंदिरों मे जाकर जो माँगो वो मिल जाता है।

मंदिरों मे भगवान के रूप समान उनकी मूर्तिया होती है, जिनपर सभी की आस्था होती है। परंतु क्या आपको पता है वो मंदिर जहां एक भी मूर्ति नहीं, परंतु उस मंदिर की मान्यता बहुत है।वह मंदिर है मां कामाख्या देवी मंदिर। मां कामाख्या देवी का मंदिर असम में राजधानी गुवाहाटी के नजदीक स्थित है। यह चमात्कारिक मंदिर मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में शामिल हैं। लेकिन प्राचीन मंदिर में देवी भगवती की एक भी मूर्ति नहीं है।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से मां सती के शव को काटा था, तो कामाख्या में उनके शरीर का एक भाग गिरा था। जहां-जहां माता सती के अंग गिरे थे वह जगह शक्तिपीठ कहलाती है। यहां पर कोई मूर्ति नहीं है मां सती के शरीर के अंग की पूजा की जाती है।

कामाख्या मंदिर को शक्ति-साधना का केंद्र माना जाता है। यहां पर हर किसी की कामना पूरी होती है। इस वजह से इस मंदिर का नाम कामाख्या पड़ा है। यह मंदिर तीन भागों में बंटा है। इसके पहले हिस्से में हर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। दूसरे हिस्से माता के दर्शन होते हैं। यहां पर एक पत्थर से हमेशा पानी निकलता रहता है। बताया जाता है कि इस पत्थर से महीने में एक बार खून की धारा बहती है। यह क्यों और कैसे होता है। इस बात का पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए।

Leave a Reply

%d bloggers like this: